2025 बारिश की पहचान
पिछले साल की तरह इस साल भी हमारे चंद्रपुर में बारिश का हाल – जानिए कितना पानी गिरा मानसुन की शुरुआत हुई हैं इस साल भी उतना लगता नहीं था कि इतने सही तारीखे से बारिश आएगी हर साल की तरह जून महीने के दुसारे हफ्ते बारिश अच्छे से चालू हुई हमारी प्रकृति वातावरण को ही बदल डाला। पुरा जिल्हा बदल गया हारा भरा हो गया यही आप जानेंगे कि कितना पानी गिरा, इस साल की पूरी अपडेट आपको यहां मिलेगी
चंद्रपुर में बारिश का हाल – जानिए कितना पानी गिरा
मानसून रिपोर्ट २०२५: जल स्तर और किसानों की प्रतिक्रिया
चंद्रपुर में इस साल बारिश कुछ अलग तरह से हुई। न ज़्यादा शोर, न ज़्यादा तूफानी झोंके, लेकिन जो कुछ हुआ, वह दिल तक पहुँचा। Jun 1st से ही बादल आने लगे थे, और आसमान धीरे-धीरे रंग बदलने लगा।जुलाई 2025 तक, मौसम विभाग ने चंद्रपुर जिले में लगभग 910 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की है। यह आंकड़ा शायद पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन इस बार बारिश की प्रकृति बदल गई है। पहले जोरदार बौछारें हुईं, लेकिन अब धीरे-धीरे, शांत और निरंतर वर्षा हुई। किसानों को राहत मिली क्योंकि जमीन को पानी को सोखने का समय मिला।
जिले के पास के तालुके
तालुका | पानी (मिमी में | स्थिति |
चंद्रपूर | 910 मिमी | सामान्य से अधिक |
बल्लारशाह | 865 मिमी | सामान्य |
राजुरा | 880 मिमी | संतोषजनक |
ब्रम्हपुरी | 890 मिमी | अच्छा |
मुल | 850 मिमी | सामान्य |
📊 राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, महाराष्ट्र—जुलाई 2025 की जानकारी, चंद्रपुर में बारिश का हाल – जानिए कितना पानी गिरा
नदी-तालाबों और डैम की स्थिति
प्रमुख डैम की स्थिति नीचे दी गई है:
- इरई डैम: 75% भराव क्षमता तक पानी
- जिवती डैम: 85% भराव
- वायगंगा प्रोजेक्ट: 88% तक जल संचय
- चिचपल्ली झील: लगभग पूरी तरह भर चुकी है
खेती-बाड़ी पर प्रभाव
धान, सोयाबीन और कपास की फसलों को बारिश की अच्छी वर्षा ने नवजीवन दिया है। इस बार खुशी की फसल बोई गई है, खासकर चंद्रपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां किसान बारिश पर भरोसा करते हैं।
जुलाई की शुरुआत में कुछ स्थानों पर बारिश की कमी से चिंतित थे, लेकिन बादल फिर से सक्रिय हो गए हैं और अगस्त में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
जिले में बारिश के अच्छे वितरण से किसानों ने सोयाबीन और तुअर जैसी फसलों को समय पर बोया है। कृषि विभाग के अनुसार, खेतों में लगभग 70% बुआई पूरी हो चुकी है।
नैसर्गिक और पर्यावरणीय वातावरण
इस बार चंद्रपुर की हरियाली और नैसर्गिक वातावरण अपनी खूबसूरती को उजागर करती है। बारिश के बाद जंगलों में नई जान आई है। और तड़ोबा-अंधारी टाइगर रिज़र्व जैसे स्थानों में वनस्पति ऐक्टिविटी बढ़ी है। यहां मानसून में ताजगी देखने भी पर्यटक आ रहे हैं। यह पे जानवरों के लिए अच्छी बात है ।
शहर में बारिश से भी समस्याएं उत्पन्न हुईं।
जलभराव और सड़कों की खराब स्थिति ने लोगों को परेशान भी किया: बल्लारशाह बस स्टैंड के पास जलजमाव; जुनी वस्ती, बाबूपेठ में नालों का ओवरफ्लो; और कुछ ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती की समस्या. प्रशासन ने इन समस्याओं पर ध्यान देते हुए तत्काल समाधान के आदेश।
बारिश के दिनों में चंद्रपुर शहर के कुछ क्षेत्रों में जलभराव होता है, जैसे रामनगर, बंजारावाड़ी और जटपुरा गेट के आसपास। इस बार भी, दो या तीन भारी बारिश के दिनों में सड़कों पर पानी भर गया और यह पे उसके उपर कारवाही भी की गई ।
चंद्रपुर में बारिश का हाल – जानिए कितना पानी गिरा
निष्कर्ष:
इस वर्ष की बारिश ने कोई भयानक बाढ़ या तूफान नहीं मचाया। ये बारिश उम्मीदपूर्ण थी और आवश्यक थी। मौसम शांति, हरियाली और किसानों को राहत मिली।
चंद्रपुरवासी अब तक इस मानसून से खुश हैं। अगर बरसात जारी रहती है, तो आप कह सकते हैं— चंद्रपुर इस वर्ष की बारिश से खुश है।